लेकर तुम्हे बाहों में बेपनाह मोहब्बत करते… पर खुश हूँ की, खुद को गिरा का कुछ उठाया नहीं मैंने। ज़िद पर आ जाऊं तो पलट के भी ना देखुं मेर�
लेकर तुम्हे बाहों में बेपनाह मोहब्बत करते… पर खुश हूँ की, खुद को गिरा का कुछ उठाया नहीं मैंने। ज़िद पर आ जाऊं तो पलट के भी ना देखुं मेर�